
हाल के वर्षों में भारत में शिक्षा की गुणवत्ता खराब हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार के अवसर कम हैं. ज्यादा ड्रॉपआउट के कारण, जॉब बाजार में विषमताएं, बेरोजगारी का मुख्य कारण हैं लेकिन शिक्षा के घटिया स्तर ने जॉब मार्केट में आवश्यक कौशल की कमी को भी जोड़ा है.
इससे पता चलता है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था को स्किल पैदा करने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे, क्वॉलिटी टीचर्स, खेल सुविधाओं आदि के साथ एक सुधार की जरूरत है, जो नौकरी बाजार के लिए जरूरी समग्र व्यक्तित्व को बढ़ाएगा. क्वॉलिटी एजुकेशन की जरूरत को पूरा करने के लिए स्कूलों को अब बिजनेस लोन मिलने लगा है, जो बेहतर सीखने में सक्षम बनाता है.
स्कूल लोन मिलने के क्या हैं फायदे?
– लोन जल्दी प्रोसेस हो जाता है: कुछ ही दस्तावेजों की जरूरत लोन लेने के लिए पड़ती है.
– असुरक्षित फंडिंग: बिना कोई गारंटी दिए फंड पाने का अवसर
– स्कूल से जुड़े खर्चे जैसे हायरिंग फैसिलिटी, फर्नीचर बदलवाना या इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए भी फंड मिल जाता है.
– लाइन ऑफ क्रेडिट फैसिलिटी: यह सुविधा अपनी सुविधा के अनुसार पैसा निकालने और चुकाने में सक्षम बनाती है. ब्याज केवल उसके द्वारा उपयोग की गई राशि पर लिया जाता है.
स्कूल लोन के लिए योग्यता क्या है?
– स्कूल को कम से कम उतना वक्त पूरा हो चुका हो, जितनी कर्जदाता की जरूरत हो.
– टैक्स रिटर्न फाइलिंग में स्कूल अप टू डेट हो.
– जिन स्कूलों को ट्रस्ट, सोसाइटीज, प्राइवेट/पब्लिक लिमिटेड कंपनियां चला रही हैं, वे लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
– प्रोमोटर्स/ट्रस्टीज या संबंधित शख्स का समाज में रुतबा होना चाहिए.
– जिस प्रॉपर्टी पर स्कूल बना हो या बनना चाहिए, वह अपनी होनी चाहिए.
– कुछ मामलों में मौजूदा स्कूल की बिल्डिंग गिरवी होती है.
स्कूल लोन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है?
-केवाईसी दस्तावेज
-एप्लिकेशन फॉर्म
– पिछले साल की स्कूल की बैंक स्टेटमेंट
-स्कूल में सभी मौजूदा छात्रों का फीस स्ट्रक्चर
-आवेदकों (ट्रस्ट/सोसाइटी मेंबर्स) का पैन कार्ड
-स्कूल एफिलिएशन सर्टिफिकेट्स की कॉपी
-सोसाइटी/ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी
-कानून के मुताबिक सोसाइटी/ट्रस्ट के अन्य दस्तावेज
कर्जदाता | ब्याज दर | प्रोसेसिंग फीस | पार्ट पेमेंट चार्जेज | प्री-क्लोजर |
रिलायंस मनी | कर्जदाता के विवेकानुसार | 1 प्रतिशत | 5 प्रतिशत | कर्जदाता के विवेकानुसार |
आईएसएफसी | कर्जदाता के विवेकानुसार | कर्जदाता के विवेकानुसार | कर्जदाता के विवेकानुसार | शून्य |
बजाज फिनसर्व | 18 प्रतिशत सालाना | लोन राशि का 3 प्रतिशत | पार्ट पेमेंट राशि का 2 प्रतिशत | 4 प्रतिशत |
बैंक ऑफ बड़ौदा | एमसीएलआर से जुड़ा टेनर प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण | |||
अभ्युदय सहकारी बैंक लि | 12 प्रतिशत सालाना | सर्विस चार्ज लागू | abhyudayabank.net पर ईमेल करके उपलब्ध जानकारी पा सकते हैं | abhyudayabank.net पर ईमेल करके उपलब्ध जानकारी पा सकते हैं |
नोट: ऊपर बताए गए शुल्क लागू होने वाले टैक्स से भिन्न हो सकते हैं.
ब्याज दरें भी विभिन्न फैक्टर्स जैसे स्कूल का फ्यूचर कैश इनफ्लो, लोन रीपेमेंट हिस्ट्री, लोन अमाउंट अनुरोध और चुनी गई लोन की अवधि पर निर्भर करते हैं.
जब लोन प्रोसेस हो जाता है तो प्रोसेसिंग फीस और दस्तावेजों पर शुल्क लगता है. लोन के कार्यकाल के दौरान, अन्य शुल्क और जुर्माना चेक स्वैप, ईएमआई साइकिल में परिवर्तन, चेक बाउंस, ईएमआई ओवरड्यू चार्ज आदि हैं.
यह ध्यान देना जरूरी है कि लोन का भुगतान नेशनल ऑटोमैटिक क्लीयरिंग हाउस (NACH), इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सिस्टम (ECS) और पोस्ट डेटेड चेक के जरिए किया जा सकता है.
लोन मंजूर होने के बाद राशि कब मिल सकती है?
हर कर्जदाता के आवेदकों के लिए कुछ एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और गाइडलाइंस होती हैं. इसलिए हर वित्तीय संस्थान जितने दिन लेता है, वह उनके नियम और प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है. लोन की रकम मिलने में 8 से 72 दिनों का वक्त लगता है.
ये वित्तीय संस्थान और एनबीएफसी स्कूल लोन सीधे स्कूल के खाते में वितरित करते हैं. अब कई और बैंक भी स्कूलों के लिए शिक्षा लोन के अप्रयुक्त बाजार का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ मानते हैं कि स्कूल एक बार में एनुअल फीस ले लेते हैं, जिससे अभिभावकों पर बहुत ज्यादा वित्तीय बोझ पड़ जाता है. इसलिए स्कूल लोन्स मुहैया कराकर माता-पिता पर बच्चे की शिक्षा का बोझ कम करने की कोशिश की जा रही है.
चूंकि एजुकेशन लोन छात्रों के लिए उपलब्ध है इसलिए बच्चों के लिए क्वॉलिटी एजुकेशन की डिमांड माता-पिता की ओर से बढ़ रही है. इसलिए स्कूलों को खुद को वक्त-वक्त पर अपग्रेड करना होगा ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा दे सकें और बाद में वे जिंदगी के इम्तिहानों के बोझ से लड़ सकें.
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