Contents
- सेक्शन 24बी के तहत होम लोन पर टैक्स छूट-ब्याज भुगतान
- धारा 80 सी के तहत होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट पर टैक्स डिडक्शन
- पहली बार घर खरीद रहे ग्राहकों के लिए सेक्शन 80ईई के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट
- सेक्शन 80ईई के तहत पहली बार होम लोन ब्याज पर टैक्स कटौती की शर्तें
- प्रधानमंत्री आवास योजना PMAY-CLSS स्कीम के तहत अतिरिक्त टैक्स कटौती: सेक्शन 80ईईए
- सेक्शन 80ईई या सेक्शन 24-किस पर छूट का दावा करें?
- जॉइंट होम लोन्स पर टैक्स छूट
- दूसरे होम लोन पर टैक्स छूट
- होम लोन पर कैसे टैक्स छूट का दावा करें?
भारत सरकार आयकर अधिनियम 1961 के तहत इनकम टैक्स में छूट देती है. होम लोन खरीदारों को प्रिंसिपल रीपेमेंट पर सेक्शन 80सी, सेक्शन 24 के तहत ब्याज में टैक्स छूट और पहली बार घर खरीद रहे लोगों के लिए सेक्शन 80ईई के तहत होम लोन ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है.
होम लोन टैक्स छूट | ||
आयकर अधिनियम की धारा | होम लोन टैक्स कटौती की प्रकृति | अधिकतम कर कटौती योग्य राशि |
सेक्शन 24(बी) | ब्याज | 2 लाख रुपये |
सेक्शन 80सी | प्रिंसिपल (जिसमें स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस शामिल होती है) | 1.5 लाख रुपये |
सेक्शन 80ईई | अतिरिक्त ब्याज (पहली बार खरीदारों के लिए) | 50,000 रुपये |
सेक्शन 24बी के तहत होम लोन पर टैक्स छूट-ब्याज भुगतान
आयकर अधिनियम के सेक्शन 24 (बी) के तहत आप होम लोन की ब्याज राशि पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. इस सेक्शन में आप खुद की संपत्ति के लिए होम लोन के ब्याज भुगतान पर 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
लेकिन ऐसी प्रॉपर्टी, जिसमें आप खुद नहीं रह रहे हैं और वह किराये पर है या फिर किराये पर देने वाले हैं तो उस पर कोई अधिकतम सीमा लागू नहीं होती है.सेक्शन 24 के तहत भुगतान की हुई पूरी राशि पर टैक्सपेयर कटौती का दावा कर सकता है. लेकिन अगर प्रॉपर्टी का मालिक काम या नौकरी की वजह से उस घर में नहीं रह रहा है और किसी अन्य जगह उसका ठिकाना है तो अधिकतम टैक्स कटौती की इजाजत 2 लाख रुपये तक दी जाएगी. प्रॉपर्टी की खरीद या निर्माण 5 साल की अवधि के भीतर होना चाहिए, वो भी उस वित्त वर्ष के अंत में, जिसमें लोन लिया गया है.
विवरण | होम लोन के लिए आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) |
कर कटौती की अनुमति | ब्याज |
प्रॉपर्टी का प्रकार | कोई भी रियल एस्टेट प्रॉपर्टी |
टैक्स कटौती का आधार | प्रोद्भवन आधार |
टैक्स कटौती की मात्रा की अनुमति | जिस प्रॉपर्टी में खुद रह रहे हों: 2,00,000 रुपये जिस प्रॉपर्टी में खुद न रह रहे हों: कोई सीमा नहीं |
लोन का मकसद | खरीद/ निर्माण/ मरम्मत/रेनोवेशन/ आवासीय घर की संपत्ति का पुनर्निर्माण। |
कर कटौती का दावा करने की योग्यता | खरीद/निर्माण 5 वर्ष के भीतर पूरा हो जाना चाहिए |
संपत्ति की बिक्री पर प्रतिबंध | शून्य |
धारा 80 सी के तहत होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट पर टैक्स डिडक्शन
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) से संबंधित होम लोन पर टैक्स छूट देती है. इस धारा के तहत, होम लोन मूल राशि के पुनर्भुगतान के रूप में भुगतान की गई राशि को अधिकतम 1.5 लाख रुपये की कटौती के रूप में अनुमति दी जाती है.
होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट पर वित्त के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट की शर्तें:
– ऐसे कटौतियों की इजाजत तभी दी जाती है, जब घर का निर्माण पूरा हो जाता है. इसके अलावा ऐसी कटौतियों को पाने के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है. जिस अवधि में प्रॉपर्टी निर्माणाधीन होती है, उस दौरान ऐसी कटौतियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
– ऐसी कटौतियों में ध्यान देने वाली बात यह है कि आयकर अधिनियम के सेक्शन 80 (5) के तहत आप प्रॉपर्टी को ट्रांसफर नहीं कर सकते, जिसके लिए सेक्शन 80 के तहत छूट हासिल की गई है. ऐसी प्रॉपर्टीज को उस वर्ष से जिसमें आपने बिल्डिंग का पोजेशन लिया है, उससे 5 साल की अधिकतम अवधि तक ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए. अगर ऐसी प्रॉपर्टी 5 साल की समयावधि के भीतर बेची जाती है, तो पहले के वर्षों में होम लोन टैक्स फायदे के रूप में अनुमति दी गई सभी कटौती को उस वर्ष में आपकी आय माना जाएगा, जिसमें आप ऐसी संपत्ति की बिक्री करते हैं.
विवरण | आयकर अधिनियम का सेक्शन 80सी |
कर कटौती की अनुमति दी गई | प्रिंसिपल |
प्रॉपर्टी का प्रकार | सिर्फ रिहायशी संपत्ति पर |
टैक्स कटौती का | आधार भुगतान के आधार पर |
टैक्स कटौती की मात्रा की अनुमति | 1,50,000 रुपये पर |
लोन का मकसद | खरीद/नई प्रॉपर्टी के निर्माण पर |
टैक्स कटौती का दावा करने की योग्यता | शून्य |
प्रॉपर्टी की बिक्री पर पाबंदी | अगर प्रॉपर्टी 5 साल के भीतर बेच दी जाती है तो डिडक्शन क्लेम रिवर्स हो जाएगा. |
पहली बार घर खरीद रहे ग्राहकों के लिए सेक्शन 80ईई के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट
इस सेक्शन के तहत, जो लोग पहली बार घर खरीद रहे हैं, उन्हें होम लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है. इस सेक्शन्स के प्रावधान के तहत, उन लोगों को 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट दी जाएगी, जो होम लोन के ब्याज पर भुगतान करते हैं. ये छूट सेक्शन 24 के तहत 2 लाख और सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट से अलग है.
सेक्शन 80ईई के तहत पहली बार होम लोन ब्याज पर टैक्स कटौती की शर्तें
– लोन एप्लिकेशन के दौरान टैक्सपेयर के पास कोई और प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिए.
– जिस प्रॉपर्टी के एवज में लोन लिया जा रहा है, वह पहला होना चाहिए.
– प्रॉपर्टी की वैल्यू 50 लाख या उससे कम होनी चाहिए.
– जो होम लोन लिया है, वह 35 लाख या उससे कम होना चाहिए.
– लोन की राशि किसी शख्स को 1 अप्रैल, 2016 और 31 मार्च, 2017 के बीच मंजूर की जानी चाहिए.
विवरण | सेक्शन 80ईई |
टैक्स कटौती की मंजूरी दी गई | ब्याज |
प्रॉपर्टी का प्रकार | सिर्फ रिहायशी संपत्ति पर |
टैक्स कटौती का | आधार भुगतान के आधार पर |
टैक्स कटौती की मात्रा की अनुमति | 1,50,000 रुपये पर |
लोन का मकसद | खरीद या नई आवास संपत्ति के निर्माण पर |
टैक्स कटौती का दावा करने की योग्यता | शून्य |
प्रॉपर्टी की बिक्री पर पाबंदी | शून्य |
प्रधानमंत्री आवास योजना PMAY-CLSS स्कीम के तहत अतिरिक्त टैक्स कटौती: सेक्शन 80ईईए
घर खरीदने को और आसान बनाने के लिए सरकार ने ब्याज 31 मार्च 2020 तक के लिए एक्सटेंड कर दिया है. नए सेक्शन 80ईईए के तहत आप होम लोन पर ब्याज भुगतान के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं.
फायदे को क्लेम करने के लिए इन शर्तों को पूरा करना जरूरी है:
– रिहायशी आवास संपत्ति की स्टैंप ड्यूटी वैल्यू 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
– लोन मंजूरी की तरीख पर आपके पास कोई रिहायशी आवास संपत्ति नहीं होनी चाहिए.
– आप आयकर अधिनियम के सेक्शन 80ईई के तहत क्लेम का दावा करने के योग्य नहीं होने चाहिए.
सेक्शन 80ईई या सेक्शन 24-किस पर छूट का दावा करें?
अगर आप आयकर अधिनियम के सेक्शन 24 और सेक्शन 80ईई की शर्तों को पूरा कर सकते हैं तो लाभ उठाने में जल्दी कीजिए. पहले सेक्शन 24, जिसमें छूट की सीमा 2 लाख रुपये है, उसमें कटौती योग्य सीमा को खत्म कर लें. उसके बाद सेक्शन 80ईई के तहत अतिरिक्त फायदे का दावा कीजिए. लिहाजा, इसलिए, यह कटौती धारा 24 के तहत 2 लाख रुपये की सीमा के अतिरिक्त है.
जॉइंट होम लोन्स पर टैक्स छूट
पार्टनर के साथ होम लोन अप्लाई करने से न सिर्फ आपकी होम लोन एलिजिबिलिटी बढ़ेगी बल्कि टैक्स फायदे भी मिलेंगे. जॉइंट लोन में दोनों ही लोगों को अलग-अलग टैक्स में छूट मिलेगी. इसका मतलब है कि अगर दो लोग जॉइंट लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो दोनों को ही होम लोन प्रिंसिपल और ब्याज पर 1.5 लाख और 2 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलेगी. इसलिए मिलाकर जो टैक्स छूट मिलेगी, वो होगी 7 लाख रुपये की, बशर्ते वे संबंधित पूर्वापेक्षाओं को पूरा करें. यही बात उस पर भी लागू होती है कि अगर ग्राहक सेक्शन 80ईई के तहत अतिरिक्त टैक्स छूट हासिल करना चाहते हैं.
दूसरे होम लोन पर टैक्स छूट
आप दूसरे होम लोन पर भी टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं लेकिन सिर्फ भुगतान किए हुए ब्याज पर. वर्तमान में, लोग होम लोन टैक्स छूट सिर्फ एक ही प्रॉपर्टी के लिए कर सकते हैं, जिसमें वे खुद रह रहे हों और अन्य पर काल्पनिक किराये के आधार पर टैक्स पेमेंट कर सकते हैं.
होम लोन पर कैसे टैक्स छूट का दावा करें?
होम लोन पर टैक्स छूट का दावा करने की प्रक्रिया आसान और सरल है.
– सुनिश्चित कर लें कि रिहायशी संपत्ति आपके नाम पर हो. अगर जॉइंट होम लोन है तो घर का सह-मालिक होना चाहिए.
– कैलकुलेट करें कि कितनी राशि पर आप बतौर टैक्स कटौती दावा कर सकते हैं.
– अपना होम लोन इंट्रस्ट सर्टिफिकेट कंपनी में जमा करा दें ताकि वह टीडीएस को एडजस्ट कर दे.
– अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपको आईटी रिटर्न्स फाइल करना होगा.
खुद के रोजगार वाले लोगों को इन दस्तावेजों को जमा नहीं कराना होता. लेकिन अगर भविष्य में कोई पूछताछ होती है तो उनके पास दस्तावेज होने चाहिए.